Union Budget 2023: सरकार को RBI और सरकारी बैंकों से मिल सकता है ₹48000 करोड़ का डिविडेंड, जानिए FM ने और क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने FY2023-24 में कुल प्राप्तियां और कुल खर्च का ब्यौर भी दिया. इसके तहत कुल खर्च 45 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है. जबकि कुल प्राप्ति 27.2 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान जताया है.
Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने बजट भाषण में आम से लेकर खास सभी सेक्टर्स को कवर करते हुए कई बड़े ऐलान किए. इस दौरान उन्होंने RBI और सरकारी बैंकों से मिलने वाले डिविडेंड का भी अनुमान दिया है. इसके तहत सरकार को 48000 करोड़ रुपए के डिविडेंड (Dividend Profit) की उम्मीद है. बता दें कि सरकार की बड़ी हिस्सेदारी सरकारी कंपनियों में होती है, ऐसे में जब सरकारी कंपनियां डिविडेंड का ऐलान करती हैं तो इसका फायदा शेयरहोल्डर्स को मिलता है.
FY24 के लिए क्या है अनुमान?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने FY2023-24 में कुल प्राप्तियां और कुल खर्च का ब्यौर भी दिया. इसके तहत कुल खर्च 45 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है. जबकि कुल प्राप्ति 27.2 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान जताया है. इसके अलावा फिस्कल डेफिसिट GDP का 5.9% रहने का अनुमान है.
सरकार की 7 बजट प्राथमिकताएं
वित्त मंत्री ने आज अपना पांचवां बजट पेश किया. बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने इसे अमृतकाल का बजट बताया और 7 प्राथमिकताओं का जिक्र किया. ये प्राथमिकताएं हैं - समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र.
दूसरी छमाही में रूकेगा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला
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मिरे एसेट इंवेस्टमेंट मैनेजर्स के सीआईओ (फिक्स्ड इनकम) महेंद्र जाजू का बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा, हमें उम्मीद है कि दुनिया के अन्य सेंट्रल बैकों कों की तरह आरबीआई भी कैलेंडर वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला रोकने की तरफ बढ़ेगा. हालांकि, ब्याज दर में इजाफे की थोड़ी गुंजाइश फिर भी बनी रह सकती है. लंबी अवधि की ब्याज दरें वर्तमान साइकिल के लिए संभवतः अपने उच्चतम स्तर पर पहले ही पहुंच गई हैं और वर्तमान स्तर पर थोड़े समय के लिए इसमें स्थिरता देखने को मिल सकती है. दिन के दौरान बॉन्ड यील्ड्स में 5-8 बेसिस प्वाइंट्स की नरमी देखने को मिली.
वित्त वर्ष 2023-24 के बॉरोइंग शिड्यूल और इस विश्लेषण के साथ इसमें कमी आई है कि राजकोषीय घाटे का करीब 65 फीसदी पूंजीगत व्यय से जुड़ा है. 10 साल के बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड में दिन के कारोबार के दौरान 5 आधार अंक की नरमी के साथ 7.29 फीसदी के स्तर पर ट्रेडिंग हो रही थी.
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05:33 PM IST